Tuesday, November 06, 2012

चेहरे   के पीछे  चेहरे छुपकर जाने किस चेहरे को देखा करते है 

चेहरे  अपने ही चेहरे में एक चेहरा   बन सोचा करते है 
चेहरों की यह  साजिश है जो चेहरे  ही सुलझाते है 
चेहरे  चेहरों के बीच कही एक उलझा चेहरा पाते है 
ख्वाइश एक ऐसा चेहरा है जो हर चेहरे में मिलता है 
खामोश कभी यह छिपता है मदहोश कभी यह दिखता है 
चेहरों की इस रिमझिम से हम जाने कितने चेहरे ले जाते है 
लेकिन जब एक तेरा चेहरा पाते है हर चेहरा भूल हम जाते है ...

कृते अंकेश 

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