Thursday, November 14, 2013

उड़ गयी तितली दूर शहर को 
आँखे रही बरसती लेकिन 
उडी भूल वह इस बारिश को 
उड़ गयी तितली दूर शहर को

नए बगीचे मैं जायेगी 
नए आगन मे इतरायेगी 
नए नए फूलो पर उड़ के 
जल्द मुझे भी भूल जायेगी 

उड़ गयी मेरे सपनो की पुढ़िया
उड़ गयी मेरी प्यारी गुड़िया
उड़ गयी तितली दूर शहर को
उड़ गयी तितली दूर शहर को

कृते अंकेश

No comments: