क्या तुम जानते हो
मौत कभी वर्तमान में नहीं आती
और जब वो आती है
बस अतीत बन कर रह जाती
इसीलिए ए दोस्त
न डरो कभी मौत से
बढ़ चलो अपनी मंज़िलो की ओर
जो फिर भी यदि हो जाये सामना
तो न कदमो को अपने थामना
देख तुम्हे फिर मुस्कुरायेगी मौत
जैसे मानो हो महबूब
और कहेगी ज़िंदगी से
तूने इस बार मिलाया किससे खूब
कृते अंकेश
मौत कभी वर्तमान में नहीं आती
और जब वो आती है
बस अतीत बन कर रह जाती
इसीलिए ए दोस्त
न डरो कभी मौत से
बढ़ चलो अपनी मंज़िलो की ओर
जो फिर भी यदि हो जाये सामना
तो न कदमो को अपने थामना
देख तुम्हे फिर मुस्कुरायेगी मौत
जैसे मानो हो महबूब
और कहेगी ज़िंदगी से
तूने इस बार मिलाया किससे खूब
कृते अंकेश
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