Monday, November 11, 2013

में उस रात से आगे बढ़कर 
कुछ मांगता अपने लिए 
इससे पहले ही कह दिया तुमने 
कल मिलते है 
सुबह की चमक अँधेरे के 
बहुत से भेद मिटाती है 
लेकिन इस रात की सीमा 
बढ़ती ही जाती है 
माना कि मैंने कई बार 
और भी किया था इंतज़ार 
लेकिन अफ़सोस
नहीं किया था मैंने प्यार

कृते अंकेश

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