Tuesday, November 19, 2013

एक फासला है तुझमे, मुझमे 
तू जीतती है, में हारता हूँ 
होती शुरू तुझसे है मेरी सरगम 
तुझमे ही जा अंत पुकारता हूँ 
एक फासला है तुझमे मुझमे 
तू जीतती है, में हारता हूँ 

ख्वाबो के पंखो को तूने जो खोला 
नयनो से अपने मुझको टटोला 
चाहा था दिल ने तुझको बताना 
सपना था मेरा तुझको ही पाना
अब दूर तुझसे खुद को मारता हूँ
तू जीतती है, में हारता हूँ

कृते अंकेश

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