Saturday, April 19, 2014

कौन बताऔ जग में ऐसा
जिसने खेली है न होली
कोई खेला इसके रंगो से
और किसी की रंगी है चौली
यह न पूछो रंग यहा पर
किसने किस पर कैसा डाला
सभी हुए रंगीन यहा पर
रंगो का यह खेल है सारा
आऔ खोकर सुधबुध अपनी
इन रंगो में ही खो जाए
रंगो से ही अपने जीवन को
इन रंगो सा रंगीन बनाए

कृते अंकेश

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