Friday, January 17, 2014


मेरे हॉस्टल कि बिल्ली कितनी भाग्यशाली है
घूमती है इधर से उधर, जाती है जहा करता है उसका मन
आ जाती है कभी कभी मेरे पास भी जब ऊब जाती है बाकि सभी चीज़ो से
नहीं देखा मैंने उसे कभी ठहरते हुए एक जगह
चल पड़ती है हर अगले पल एक नए मिशन की खोज में
मुझे याद है बचपन में एक बिल्ली मेरे घर में आकर दूध पी जाती थी
और माँ कभी कभी मुझे बोल कर जाती थी
दूध गर्म है फ्रिज में रखने से पहले ठंडा होने रखा है
देखते रहना बिल्ली नहीं आ जाये
उस दोरान मुझे काफी कुछ पता लगा बिल्लियो के बारें में
कितनी सतर्क रहती है शिकार करते हुए
और कितना डरती है वह पानी के स्पर्श से
उनके पास तक दुश्मन बनकर जाना उतना ही मुश्किल है
जितना आसान दोस्त बनकर उनके नजदीक आ जाना है
बिल्ली पर भरोसा करना आपकी सबसे बड़ी भूल हो सकती है
लेकिन बिल्ली आपको कभी नहीं भूलती है
वह फिर से कभी कभी पुरानी जगहो पर लौट आती है
और अगर कही राह में मिल जाये तो म्याऊ कहकर आपको अपनी याद दिलाती है

कृते अंकेश

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