Tuesday, January 28, 2014

ओ चिड़िया 
जरा बता दे मुझको भी 
कैसे है उड़ना 
देख सकू अपने पंखो को 
पहचानू किससे है जुड़ना 
सिखा हवा मुझको अब बहना 
कहना अपने अंतर को 
उड़ा साथ में ले जाऊ जो 
सपना सात समंदर को 
रंग बिरंगी तितली मुझको 
भर दे अपने रंगो से
लेकर सपने उड़ू में जिससे
उम्मीदो के पंखो से

कृते अंकेश

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