Sunday, May 01, 2011

तुझ से पुकारी जाऊंगी 
तुझ से सवारी जाऊंगी 
मैं साँझ हूँ तेरी सखे 
तुझ में कही ढल जाऊंगी 

 जा जीत ले तू जिन्दगी 
हर  लक्ष्य को तू प्राप्त कर 
तेरी विजय की रात में 
मैं कामिनी बन जाऊंगी 

तुझ से पुकारी जाऊंगी 
तुझ से सवारी जाऊंगी 
मैं साँझ हूँ तेरी सखे 
तुझ में कही ढल जाऊंगी 

आखेट सा मेरा गमन 
यह जिंदगी है अनुसरण 
हर अधूरी  प्रतिज्ञा का 
मोल  मैं अज्माऊंगी 

तुझ से पुकारी जाऊंगी 
तुझ से सवारी जाऊंगी 
मैं साँझ हूँ तेरी सखे 
तुझ में कही ढल जाऊंगी 

बन विरागी  जीव सा 
मेरा वियोगी अंतर्मन 
कर रहा है साधना 
उस स्वप्न सुख का चिंतन 
उस अधूरी रात की 
मैं  रागिनी बन जाऊंगी 
मैं साँझ हूँ तेरी सखे 
तुझ में कही ढल जाऊंगी 
 
तुझ से पुकारी जाऊंगी 
तुझ से सवारी जाऊंगी 
मैं साँझ हूँ तेरी सखे 
तुझ में कही ढल जाऊंगी 

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