Friday, February 07, 2014


आप सभी के प्रेम एवं प्रेरणा से मेरी 400 वी रचना......

चाहे जिसका समर्थन करो 
जिसके विचारो से सहमत हो 
उसको बेहिचक अपना लो 
पहले ही बहुत समय खो चुके है हम
इस आपसी छींटाकशी में
शर्त बस इतनी सी है
जो भी मार्ग चुनना
तुम्हे बनाना होगा बेहतर भारत को

कृते अंकेश

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