Saturday, December 10, 2011

मैं कौन हूँ
बस एक दर्शक
तुम एक कुशल नर्तकी
शब्द बध्द तुमको  करने का दुस्साहस में नहीं करूंगा
तुम बस यु ही गीत लिखो
अपने करतल
अपनी गतियो से
अपना ही संगीत रचो
अपने इस आवेग  में बहकर जीवन का हर गीत रचो
मैं तो बस  शब्दों में खोकर
उन  मधुर रसो का पान करूंगा
मैं कौन हूँ
बस एक दर्शक
तुम एक कुशल नर्तकी


कृते अंकेश

No comments: