Wednesday, July 02, 2014

हर बीता हुआ पल कुछ कह देता है
और छूटा हुआ प्रेम भय देता है
सपने अक्सर उलझते है, टूटते है
छूटते है रूठते है
रूठे हुए सपनो को जग सह लेता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है
संगीत के तरानो पर
समय के फसानो पर
दोस्ती के अफसानो पर
मन अपनी उलझनो को कह देता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है

कृते अंकेश

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