Wednesday, July 02, 2014

घनन घनन घिर घुमड़ घुमड़ घर घाट घने घुमड़त घुमड़त
बदरा बदलो बदकिस्मत, बेहकत बैचैन बना बालक बरवस
पवन प्यार पाती पत्तर, पत्तो पर पड़ता पानी पट पट
झड़ झंझावत झाड़ी झुरमुट झड़ झील झड़त झटपट झटपट

कृते अंकेश

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