Monday, December 02, 2013

एक हसी,
जो सुधबुध खो दे 
ले जाये सबको बचपन में

एक झलक
तस्वीरे पो दे
ले जाये सबको बचपन में

एक चहक
खुशियो को बो दे
ले जाये सबको बचपन में

नन्ही मुन्नी
कली एक ऐसी
खेला करती तेरे इस आँगन में

कृते अंकेश

No comments: