Friday, January 13, 2012

मानो तो सब कुछ है
 न मानो तो कुछ भी नहीं
क्या दूर क्या पास
संशय, भ्रम या  विश्वास
अरे जाओ इतना वक़्त यहाँ किसके पास
बस सोच में न खो जाओ
छोटी सी जिंदगी है
हसो और हँसाओ
मन करता है तो खेलो
दोड़ो और घूमो

गप्पे लड़ाओ
दोस्तों के साथ खो जाओ
जो भी जी में आये वो करो
किसी से भी नहीं डरो

ये नीला है  आकाश
बस शुन्य ही है इसके पास
कल्पना मात्र  है देवीय विश्वास
फिर कैसा  भय और क्या अपवाद

( कृते अंकेश )

 

1 comment:

Priyanka said...

bhaut badiyaa