Saturday, March 08, 2014

इंसान ने जब इंसानो से इंसानो को इंसानो की तरह जीने देने की प्रार्थना की है
उसे जानवरो की तरह ठुकरा दिया गया है
रेत दिया गया उसके गले को ताकि नहीं सुना जा सके कोई भी अक्षर
जला दिया गया उसकी लाशो को शहर से दूर ले जाकर
लेकिन मरने से पहले उन कापते गलो से निकले फिर भी कुछ अक्षर
जिन्हे नहीं समझ सकी सत्ता और मौत के सौदागर
हवा से बहकर फैल गए वह मीलो दूर जाकर
और सुनने लगे उसे सभी शहरो के कापते हुए मन

कृते अंकेश

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