नन्ही सी आँखो में पानी भरते देखा हैं
भरी दुपहरी में जीवन को नादानी करते देखा है
चोराहे पर पलता जीवन
कितना आगे जायेगा
बचपन का यह सौम्य पत्र कितने शीत शिशिर सह पायेगा
रोटी के आगे जीवन से बेईमानी करते देखा है
नन्ही सी आँखो में पानी भरते देखा हैं
कृते अंकेश
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