Tuesday, September 21, 2010

 जब चिड़िया चुग गयी खेत

.बारिश होते होते काफी देर हो चुकी थी .....कहने को तो शाम के सात ही बजे थे, लेकिन लग रहा था मानो रात की बेला भी ढलने को आ गयी हो . पापा भी कितनी बार बोले थे बेटा कल  चले जाना ..... आज मौसम कुछ ठीक नहीं है. पर जवान जोश के आगे उम्र का रौब कहा टिकता है.  हम भी डट कर बोले, कोई लड़की थोड़े ही है, जो कोई उठा कर ले जायेगा ....... अब भुगतो, उठाने का तो पता नहीं, लेकिन  अगर बारिश न रुकी तो यह  पानी तो पक्का हमें  बहा कर  ही छोड़ेगा. यहाँ आस पास कोई घर या ठोर ठिकाना भी तो नज़र नहीं आ रहा है . हे  इन्द्र देवता कुछ तो रहम करो, में सारे जीवन आपके उपकारो   को नहीं भूलूंगा  , अरे यहाँ तक की इतनी गारंटी  भी देने को तैयार हू कि मेरी बस्ती में किसी को आपकी गद्दी की और आँख तक उठाने नहीं  दूंगा, भगवन बस यह बारिश रोक लो.  यह क्या, प्रार्थना का असर तो कुछ उल्टा ही मालूम होता है ...... बारिश की तीव्रता समय के साथ  बढती ही जा रही है . छोटे छोटे  गड्डे भी सागर को पछाड़ने के लिए जोर शोर से लगे हुए है, नालियो की सीमा विजयी दल की भाति  परिवर्तित होती जा रही है.  यहाँ तक की कुछ नालिया  तो नयी नवेली दुल्हन की तरह इठलाती हुई चलने लगी है . कचरे की भी आज उड़ कर लगी है , मुफ्त में नदी की  सैर  जो कर रहा है. अब तक सुरक्षित बची मेरी सैन्य  चौकी भी अब बारिश के बहाव का शिकार होने के कगार पर आ गयी. कहा जाता है दुश्मन को अगर तोडना है तो सबसे पहले उसकी जड़ो को तलाशो. एक बार अगर जड़ हाथ में आ गयी, फ़तेह तो खुद बखुद हो जाएगी . काल देवता भी आज समूल विनाश के इरादे से ही आये है. पानी के जोर से मेरे आस पास की मिट्टी भी तेरती हुई सागर से मिलने निकल पड़ी. अब तो अतीत  के चित्र आँखो के सामने से गुजरने लगे. जब में छटवे  दर्जे में था, मुझे तैराकी  सीखने की  बड़ी इच्छा होती थी. लेकिन मन की इच्छाओ को प्रधानता मिलती ही कहा है , कभी साल दो साल में अगर कही जिक्र छिड गया तो याद आ उठता था, वर्ना फिर से यह आशा मन के किसी कौने में दब कर बैठ जाती थी. लेकिन आज वाकई खुद पर अफ़सोस हो रहा है, अगर कभी अपनी इच्छाओ को जरा भी प्रधानता दी होती तो आज जान पर बन आने की नौबत तो नहीं आती. लेकिन अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गयी खेत.

2 comments:

Ronny Cooper said...

Nice article. Thoda sa chota hai but liked it a lot. Hindi ki tumhari pakad kafi jordar tarike se jahir hui hai is kahani mein.

Unknown said...

Thx.... will keep in mind next time....