Sunday, June 01, 2014


हम न जाने कब बड़े हुए, आ दूर घरो से खडे हुए
माँ तेरे आंचल सा लेकिन, नभ मैं है विस्तार कहा
मिलती होगी दौलत और शोहरत, पर तेरे जैसा प्यार कहा

कृते अंकेश

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