Wednesday, April 18, 2012

मैं सैयां के साथ चली जाऊंगी तकते रहना
मैं बापस न आऊँगी बस नाम ही जपते रहना 

मैं जो चली जाऊंगी 
फिर न मैं यु आऊँगी 
कह दो जो कहना है मुझसे 
दिल  मैं भी  क्या  रखना 
आँखों  में क्यों  रहे छुपा तुम 
देखा है जो सपना 
सपनो को अपनाऊंगी 
पर जो गयी न आऊँगी    
 
मैं सैयां के साथ चली जाऊंगी तकते रहना
मैं बापस न आऊँगी बस नाम ही जपते रहना
  
तेरी बातें मेरे दिल के समझ नहीं आती है 
जो तू सब कुछ जानती  है तो 
फिर क्यों तडपाती है
आँखों  में तस्वीर तुम्हारी 
सपनो में है चेहरा 
तुझको लेने  आऊँगा में 
बांधके सर पर सेहरा 
लेकर तुझे   जाऊँगा 
सपनो सा  सजाऊँगा 

मैं सैयां के साथ चली जाऊंगी तकते रहना
मैं बापस न आऊँगी बस नाम ही जपते रहना
    

  कृते अंकेश

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