ankesh_writes
Wednesday, April 11, 2012
यह तस्वीरे जो दिखती है
हकीकत की परश्तिश की
यह किस्मत की है जंजीरे
कभी उलझी कभी सुलझी
नहीं पर मिल सकी है यह
हकीकत बस इबादत से
लहू के रंग से सजती
यहाँ सच की नुमाइश है
कृते अंकेश
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