Sunday, February 10, 2013

यु तो बहुत  आएँगी रातें 
बहुत आयेंगे सपने 
पर शायद उनसे से कुछ ही 
बन पाएंगे अपने 
यही सोच कर अभी में दिन दिन 
रात रात भर सोता 
शायद मिल जाये वो सपना 
जो सच है हो सकता 
फिर दुनिया मुट्ठी में होगी 
सुन लो मेरी बात 
बदल जाएगी तक़दीर भी मेरी 
उस सपने के साथ 

कृते अंकेश 

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