Monday, July 01, 2013

आंसू

आंसूओ  में पिघलती है बर्फ कही  की 
झरती है यादें गरजती बरसती 
उभरते है  नैना कालिमा  को ढाके 
इन पहाड़ो में कहा कोई झाके 

कृते अंकेश 

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