मेरी बिटिया जब नन्हे पैरो से चढ़ मेरे ऊपर आती
शायद कुछ दबती उन नन्हे कदमो से मेरी छाती
पर इन कदमो का अनुभव में जीवंत करूंगा
उस बचपन को सदा मैं अपने पास रखूंगा
कृते अंकेश
शायद कुछ दबती उन नन्हे कदमो से मेरी छाती
पर इन कदमो का अनुभव में जीवंत करूंगा
उस बचपन को सदा मैं अपने पास रखूंगा
कृते अंकेश
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