शंख है यह बज रहे
यह ढूढ़ते है किसे
है सो रहा वो कौन है
जगा रहा क्यों मौन है
यह दीप है क्यों जल रहे
है ख्वाब क्या जो पल रहे
जला रहा वो कौन है
जो जल रहा क्यों मौन है
है आरती यह किसलिए
क्यों बात फिर बदल दिए
है पूज्य जो वो कौन है
जो पूजता क्यों मौन है
कृते अंकेश
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