घेरा उन्होंने मुझको अकेला
वो थे कई और मैं था एक
कहते रहे वो इसके इरादे
लगते हमें अब नहीं है नेक
मरना ही होगा इसको यहाँ अब
जिन्दा है रहना जो हमको सदेव
देखो उड़ा दो वो सारी चिड़िया
पंखो में जिनके सपने अनेक
आये वो फिर यु, छाये वो फिर यु
बादल घने हो नभ में अनेक
बरसे वो जम के, गरजे वो जम के
गए भिंगो मुझको वो सारे देव
उड़ने लगी फिर मेरी यह चिड़िया
जीते वो फिर से, हारा यह देश
बहता रहा जो खू था जमी पर
या थे रहे मिटटी के आंसू अनेक
कृते अंकेश
वो थे कई और मैं था एक
कहते रहे वो इसके इरादे
लगते हमें अब नहीं है नेक
मरना ही होगा इसको यहाँ अब
जिन्दा है रहना जो हमको सदेव
देखो उड़ा दो वो सारी चिड़िया
पंखो में जिनके सपने अनेक
आये वो फिर यु, छाये वो फिर यु
बादल घने हो नभ में अनेक
बरसे वो जम के, गरजे वो जम के
गए भिंगो मुझको वो सारे देव
उड़ने लगी फिर मेरी यह चिड़िया
जीते वो फिर से, हारा यह देश
बहता रहा जो खू था जमी पर
या थे रहे मिटटी के आंसू अनेक
कृते अंकेश
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