सचिन
एक नाम नहीं
एक आवाज़ है
जो गूंजी
अनेको बार गूंजी
विश्वाश के साथ गूंजी
गांधी के बाद शायद पहली बार ऐसा हुआ
जब पूरा भारत एक इंसान के पीछे चल पड़ा
जीत और हार से दूर उसने हमें संघर्ष करना सिखाया
किसी भी तरह कि परिस्थिति में सामना करना सिखाया
सचिन से भारत को केवल क्रिकेट में कुछ जीत नहीं
बल्कि प्रत्येक भारतीय को आत्मविश्वाश मिला
प्रेरणा मिली
श्रेष्ठ बनने की
विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनने की
कृते अंकेश
No comments:
Post a Comment