सूअर तुम तो विष्ठा खाते
धरती को स्वच्छ बनाते हो
फिर क्यों अपमानित जीवो की
श्रेणी में गिनती पाते हो
काग चुना करते तुम मैला
पितरो तक उड़के जाते हो
फिर क्यों हर मुंडेर से तुम
बस यु ही भगाये जाते हो
कर्मी तुम तो कचरा ढोते
गंदगी दूर हटाते हो
फिर भी क्यों इस सभ्य समाज में
नहीं खुलकर सराहे जाते हो
कृते अंकेश
No comments:
Post a Comment