तलाशता एक अनमोल हीरा
इस रात में
सस्ती टूयूब लाइट के प्रकाश में
देखता धूल धुसरित लकीरों को
अपनी तकदीरो को
सुना छिपा रखती है धरा
गर्भ में उन कीमती पत्थरों को
लेकिन प्रयत्न करने वाले
खोज ही लाते है
एक न एक दिन
असंभव से दिखने वाले हर एक लक्ष्य को
कृते अंकेश
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