कहते है लोग मिले उनको अब फासी
अपराधी है मानवता के वो सत्यानाशी
पीड़ित है उनसे यह जीवन कोप भवन है
उन दुश्क्रत्यो के चर्चो से रोष बहुत है
लेकिन बढती ही जाती उन अंको की सीमा
हतप्रभ हूँ में सोच क्या इंसानों ने छोड़ा जीना
क्या कत्लेआम ही सचमुच इसका हल है
क्या सचमुच यह समस्या इतनी सरल है
कानून के दम से क्या सच में अपराध रुकेंगे
पैशाचिक मानव के दंभ झुकेंगे
अगर प्रयत्न करना है तो पहले पालो मानव को
करो हतोत्साहित जीवन के हर एक दानव को
कृते अंकेश
अपराधी है मानवता के वो सत्यानाशी
पीड़ित है उनसे यह जीवन कोप भवन है
उन दुश्क्रत्यो के चर्चो से रोष बहुत है
लेकिन बढती ही जाती उन अंको की सीमा
हतप्रभ हूँ में सोच क्या इंसानों ने छोड़ा जीना
क्या कत्लेआम ही सचमुच इसका हल है
क्या सचमुच यह समस्या इतनी सरल है
कानून के दम से क्या सच में अपराध रुकेंगे
पैशाचिक मानव के दंभ झुकेंगे
अगर प्रयत्न करना है तो पहले पालो मानव को
करो हतोत्साहित जीवन के हर एक दानव को
कृते अंकेश
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