ला सकते हो तो ला देना
मुस्काने चेहरों पर
या अर्पण कर देना इस तन को
इस राष्ट्र के पहरों पर
मुस्काने चेहरों पर
या अर्पण कर देना इस तन को
इस राष्ट्र के पहरों पर
पा सको यदि जो मौका
दूर विषमता को कर देना
रहे शेष जो समय यदि तो
स्वप्न समाज में भर देना
आँखों के तुम दीप हो जिनकी
उन आँखों का तेज़ बनो
जिस साँसों ने जन्म दिया
कुछ पल उनके भी साथ हसो
बचा सको जो फिर भी कुछ पल
वो पल शेष तुम्हारे है
जैसे चाहो उनको जीना
स्वप्न सजे जब सारे है
कृते अंकेश
दूर विषमता को कर देना
रहे शेष जो समय यदि तो
स्वप्न समाज में भर देना
आँखों के तुम दीप हो जिनकी
उन आँखों का तेज़ बनो
जिस साँसों ने जन्म दिया
कुछ पल उनके भी साथ हसो
बचा सको जो फिर भी कुछ पल
वो पल शेष तुम्हारे है
जैसे चाहो उनको जीना
स्वप्न सजे जब सारे है
कृते अंकेश
No comments:
Post a Comment