तन तेरा पंझी
मन मेरा उड़ता
दूर गगन में बादल बनकर पास तेरे जुड़ता
तन तेरा पंझी
सपनो को लेकर अपने अंक में उड़ चल तू
रात अधेरी डरना कैसा
साथ में हर पल हूँ
तन तेरा पंझी
किसने देखा जग यह
कितना और बड़ा
साथ में तेरे चलू वहाँ पर, पथ जहाँ लिये चला
तन तेरा पंझी
मन मेरा उड़ता
दूर गगन में बादल बनकर पास तेरे जुड़ता
तन तेरा पंझी
सपनो को लेकर अपने अंक में उड़ चल तू
रात अधेरी डरना कैसा
साथ में हर पल हूँ
तन तेरा पंझी
किसने देखा जग यह
कितना और बड़ा
साथ में तेरे चलू वहाँ पर, पथ जहाँ लिये चला
तन तेरा पंझी
कृते अंकेश
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