तुम तक पहुचना
जितना आसान है
उससे कही ज्यादा मुश्किल भी
में हर एक बार तुम तक पहुचने से पहले
न जाने खुद से कितनी बार गुज़रता हूँ
लेकिन जब पंहुचा हूँ आखिर में तुम्हारे पास
तुम कितनी आसानी से मुझे अपने साथ ले गयी हो
कृते अंकेश
जितना आसान है
उससे कही ज्यादा मुश्किल भी
में हर एक बार तुम तक पहुचने से पहले
न जाने खुद से कितनी बार गुज़रता हूँ
लेकिन जब पंहुचा हूँ आखिर में तुम्हारे पास
तुम कितनी आसानी से मुझे अपने साथ ले गयी हो
कृते अंकेश
No comments:
Post a Comment