दुःख ने जब मुझको आ घेरा
लगता था फिर दूर सवेरा
हिम्मत अपनी हार रहा था
खुद को ही में मार रहा था
तुमने मुझको याद दिलाया
मेरा सपना पास बुलाया
मेरी हिम्मत को सहलाया
सुख के मद में डूब गया जब
खुद को ही में भूल गया जब
अपने आँगन की सीमा में
अपनो को अनजान सा पाया
तुमने मुझको याद दिलाया
मेरा सपना पास बुलाया
मेरी हिम्मत को सहलाया
कृते अंकेश
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