रात गगन में चॅाद जो आया
लगा मुझे कि तुम आये हो
चमगादड़ जो उड़ी अचानक
लगा कि जुल्फे लहराये हो
साय साय जब हवा थी चलती
लगता कि तुम गीत हो गाते
आसमान में बिजली चमकती
लगता मानो तुम मुस्काते
हाल ही न पूछो मेरा क्या
में तो पागल पहले से हूँ
रही सही जो सासे शेष थी तन में
खोकर उनको अब गुमसुम हूँ
कृते अंकेश
लगा मुझे कि तुम आये हो
चमगादड़ जो उड़ी अचानक
लगा कि जुल्फे लहराये हो
साय साय जब हवा थी चलती
लगता कि तुम गीत हो गाते
आसमान में बिजली चमकती
लगता मानो तुम मुस्काते
हाल ही न पूछो मेरा क्या
में तो पागल पहले से हूँ
रही सही जो सासे शेष थी तन में
खोकर उनको अब गुमसुम हूँ
कृते अंकेश
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