ankesh_writes
Tuesday, January 28, 2014
मेरी नाराजगी में
मेरे शब्द बन जाते है गलतिया
लेकिन मेरी ख़ामोशी ले जा सकती है
उन्हें बहुत दूर तक
इसलिए मेरे दिल
बोल खुल के बोल
जबकि तू नाराज़ है
कृते अंकेश
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