बच्चे चंचल होते है
वह ज्यादा देर तक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते है
क्यूंकि उनके पास इतना समय ही नहीं होता है
बचपन काफी तेज़ी से निकलता है
बच्चे लेटते हुए घिसटते है,
घुटनो चलते है, खिसकते है, सँभलते है
और फिर दोनो पैरो से चलने लग जाते है
कितना कुछ बदलता है
और फिर शेष जीवन यही घिसा पिटा क्रम चलता है
कृते अंकेश
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