छुप जाओ अँधेरी रात में
कोई आ रहा है हमारी और
देखते नहीं चंद्रमा भी जा छिपा है
क्षितिज के उस ओर
उन कदमो की आवाज़े
ढूंढती है हमें
हमारी साँसों की गहराइयाँ
न जाने कहा जाकर रुके
क्या देखा ऐसा तुमने
जो थाम लिया यह हाथ
मंज़िल दूर है मेरी
क्या निभा सकोगे साथ
कृते अंकेश
कोई आ रहा है हमारी और
देखते नहीं चंद्रमा भी जा छिपा है
क्षितिज के उस ओर
उन कदमो की आवाज़े
ढूंढती है हमें
हमारी साँसों की गहराइयाँ
न जाने कहा जाकर रुके
क्या देखा ऐसा तुमने
जो थाम लिया यह हाथ
मंज़िल दूर है मेरी
क्या निभा सकोगे साथ
कृते अंकेश
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