सवांरती रही चेहरा
उलझती लटें, घुंघराले कैश
तीक्ष्ण नयन, सहज मुस्कान समेटे अधर
अधरों के कम्पन से उभरते स्वर
स्वरों की सहजता, सौम्यता, शालीनता से पराजित अंत: स्तर
उलझता रहा मन
दिन प्रतिदिन
नयन खोजते रहे नयन
उलझनों में क़ैद जीवन
सवांरती रही चेहरा
कृते अंकेश
उलझती लटें, घुंघराले कैश
तीक्ष्ण नयन, सहज मुस्कान समेटे अधर
अधरों के कम्पन से उभरते स्वर
स्वरों की सहजता, सौम्यता, शालीनता से पराजित अंत: स्तर
उलझता रहा मन
दिन प्रतिदिन
नयन खोजते रहे नयन
उलझनों में क़ैद जीवन
सवांरती रही चेहरा
कृते अंकेश
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