तुमको जिद थी मिलने की
मुझको जिद थी चलने की
दोनों ने बस जिद को पकड़ा
साथ हमारा टूट गया
कोई साथी छूट गया
बारिश भी तो रूठी थी
पुरवैया भी छूटी थी
मौसम ने बस जिद को पकड़ा
फिर से सावन रूठ गया
कोई साथी छूट गया
लहरें अब भी चलती है
शामे अब भी ढलती है
लोगो ने बस जिद को पकड़ा
और किनारा रूठ गया
कोई साथी छूट गया
कृते अंकेश
मुझको जिद थी चलने की
दोनों ने बस जिद को पकड़ा
साथ हमारा टूट गया
कोई साथी छूट गया
बारिश भी तो रूठी थी
पुरवैया भी छूटी थी
मौसम ने बस जिद को पकड़ा
फिर से सावन रूठ गया
कोई साथी छूट गया
लहरें अब भी चलती है
शामे अब भी ढलती है
लोगो ने बस जिद को पकड़ा
और किनारा रूठ गया
कोई साथी छूट गया
कृते अंकेश
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