थे कहा तुम
दूर पलके
थी निहारा करती प्रतिदिन
थे कहा तुम
मेघ आते
और बरसते यु ही रिमझिम
थे कहा तुम
यह पवन भी
शोर करती थी सारा दिन
थे कहा तुम
रात बीती
जैसे बीता हो यह जीवन
कृते अंकेश
दूर पलके
थी निहारा करती प्रतिदिन
थे कहा तुम
मेघ आते
और बरसते यु ही रिमझिम
थे कहा तुम
यह पवन भी
शोर करती थी सारा दिन
थे कहा तुम
रात बीती
जैसे बीता हो यह जीवन
कृते अंकेश
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