ankesh_writes
Saturday, April 19, 2014
कितनी रातें थक कर मुझसे यु ही चुपके से निकल गयी
सुबह की किरणे उनके जाने का सन्देश लिए ही खड़ी रही
कृते अंकेश
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment