वो हसे
और हस कर इनकार कर दिया
थी वही हसी
जिस पर हमने सब कुछ इजहार कर दिया
है कायदे यह वक़्त के
और मौसम के मिजाज़
मिलते है अब भी
लेकिन अब हम भी हसते है उनके साथ
कृते अंकेश
और हस कर इनकार कर दिया
थी वही हसी
जिस पर हमने सब कुछ इजहार कर दिया
है कायदे यह वक़्त के
और मौसम के मिजाज़
मिलते है अब भी
लेकिन अब हम भी हसते है उनके साथ
कृते अंकेश
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