हैं मनोहर नग्न पीड़ा
आसुंओ का आघात भी
विष के प्याले है सुखोदर
और घृणा का साथ भी
हार में भी है मजा और
मूल्य तिरस्कार में
मिलते है अनुभव अनोखे
हुए दुर्व्यवहार में
लेकिन रहे है जो अभी तक
सीमा में स्नेह और प्यार की
जानते है क्या वो सीमा
इस अनोखे संसार की
कृते अंकेश
आसुंओ का आघात भी
विष के प्याले है सुखोदर
और घृणा का साथ भी
हार में भी है मजा और
मूल्य तिरस्कार में
मिलते है अनुभव अनोखे
हुए दुर्व्यवहार में
लेकिन रहे है जो अभी तक
सीमा में स्नेह और प्यार की
जानते है क्या वो सीमा
इस अनोखे संसार की
कृते अंकेश
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