मत कहो है पथ असंभव
व्यक्तिगत मत है यदि तो व्यर्थ है इसको बताना
है समय अपना गवाना
क्या हुआ जो छाया अँधेरा
आकाश में है व्याप्त कोहरा
सूर्य भी दिखता न है
क्या करेंगे देखकर
देखा उसे सहस्त्रो ने है
हमको तो आगे है जाना
मत कहो है पथ असंभव
कृते अंकेश
व्यक्तिगत मत है यदि तो व्यर्थ है इसको बताना
है समय अपना गवाना
क्या हुआ जो छाया अँधेरा
आकाश में है व्याप्त कोहरा
सूर्य भी दिखता न है
क्या करेंगे देखकर
देखा उसे सहस्त्रो ने है
हमको तो आगे है जाना
मत कहो है पथ असंभव
कृते अंकेश
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