बच्चे
तुम रोते क्यों हो
तुम हसते हो तो ज्यादा अच्छे लगते हो
लेकिन शायद तुम्हे पता है
कि लोग सिर्फ तुम्हारी और देखेंगे, मुस्कुराएंगे और फिर चले जायेंगे
यदि तुम बस हसते रहोगे
कितने चालाक हो न तुम
लेकिन इसमें दोष तुम्हारा कहा है
यहाँ भावनाए तो तभी समझी जाती है न
जब वह टूट कर शरीर से बिखरने लगती है
चेहरा जब उन्हें और नहीं छिपा पाता
और अंतरपीड़ा आँखों में उभर आती है
तभी तो जग को तुम्हारी याद आती है
मैं नहीं रोकूंगा तुम्हे रोने से
क्योंकि आज नहीं है मेरे पास साधन तुम्हे हँसाने का
लेकिन मेरे बच्चे बहुत जल्दी तुम्हे सीखना होगा
चुप होना
क्योंकि व्यस्त संसार को तुम्हारा क्रंदन शीघ्र ही ख़ामोशी सा लगने लगेगा
और तब तुम्हारे रोने का भी मकसद नहीं रह जायेगा
कृते अंकेश
तुम रोते क्यों हो
तुम हसते हो तो ज्यादा अच्छे लगते हो
लेकिन शायद तुम्हे पता है
कि लोग सिर्फ तुम्हारी और देखेंगे, मुस्कुराएंगे और फिर चले जायेंगे
यदि तुम बस हसते रहोगे
कितने चालाक हो न तुम
लेकिन इसमें दोष तुम्हारा कहा है
यहाँ भावनाए तो तभी समझी जाती है न
जब वह टूट कर शरीर से बिखरने लगती है
चेहरा जब उन्हें और नहीं छिपा पाता
और अंतरपीड़ा आँखों में उभर आती है
तभी तो जग को तुम्हारी याद आती है
मैं नहीं रोकूंगा तुम्हे रोने से
क्योंकि आज नहीं है मेरे पास साधन तुम्हे हँसाने का
लेकिन मेरे बच्चे बहुत जल्दी तुम्हे सीखना होगा
चुप होना
क्योंकि व्यस्त संसार को तुम्हारा क्रंदन शीघ्र ही ख़ामोशी सा लगने लगेगा
और तब तुम्हारे रोने का भी मकसद नहीं रह जायेगा
कृते अंकेश
3 comments:
ab to shabd kam padne lage hain tareef ke
Thank you mam.... bas aapka hosahla milta rahega to aise hi likhta rahoonga... :-)
Bahut hi achchhe... rachna ka vishay aur rachna dono ke liye "Ati-uttam" :)
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