वह आया और बोला
यीशु और सुकरात तो भले लोग थे
फिर भी मारे गए
फिर क्यों कहते हो आप भला बनने को
पल भर में स्तब्ध रहा
फिर बोला कुछ साहस कर
म्रत्यु अंत नहीं होती है
जीवित है आज भी वह
मष्तिष्क में उभरते विचारो में
लेकिन यदि कही वह झुक जाते
तो शायद जीवन झुक जाता
मैं भी अबोध हूँ
ज्ञान नहीं मुझको जीवन का
लेकिन इतिहास बताता हैं
जो हुआ समर्पित परहित को
वही जीत कर आता है
कृते अंकेश
यीशु और सुकरात तो भले लोग थे
फिर भी मारे गए
फिर क्यों कहते हो आप भला बनने को
पल भर में स्तब्ध रहा
फिर बोला कुछ साहस कर
म्रत्यु अंत नहीं होती है
जीवित है आज भी वह
मष्तिष्क में उभरते विचारो में
लेकिन यदि कही वह झुक जाते
तो शायद जीवन झुक जाता
मैं भी अबोध हूँ
ज्ञान नहीं मुझको जीवन का
लेकिन इतिहास बताता हैं
जो हुआ समर्पित परहित को
वही जीत कर आता है
कृते अंकेश
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