इन हवाओ में क़ैद है मेरे कुछ ख्वाब
उड़ने के जज्बे ने संभाले रखा है
कभी फुर्सत मिलेगी तो दिखायेंगे तुम्हे
इन हवाओ से अपना क्या रिश्ता है
(अंकेश )
उड़ने के जज्बे ने संभाले रखा है
कभी फुर्सत मिलेगी तो दिखायेंगे तुम्हे
इन हवाओ से अपना क्या रिश्ता है
(अंकेश )
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