चिर परिचित
प्रतिपल प्रतिक्षण
जीवन मुस्कान अधर चंचल
है स्वेत राग श्रृंगार विरल
नयनो में डूबे हुए नयन
फिर कैसी मुख पर लाज बसी
क्या सीमाओ से घबराना
यह मिलन यामिनी जीवन की
मिटकर इसमें है मिल जाना
कृते अंकेश
प्रतिपल प्रतिक्षण
जीवन मुस्कान अधर चंचल
है स्वेत राग श्रृंगार विरल
नयनो में डूबे हुए नयन
फिर कैसी मुख पर लाज बसी
क्या सीमाओ से घबराना
यह मिलन यामिनी जीवन की
मिटकर इसमें है मिल जाना
कृते अंकेश
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