छूटकर जो रास्ते से मैं किनारे पर खड़ा था
हाथ मेरा थाम वो ले फिर मुझे बस चल दिया था
जीत या हार तो लगने लगे बस अब बहाने
सेकड़ो की भीड़ में जो है मिले कदम जाने पहचाने
कृते अंकेश
हाथ मेरा थाम वो ले फिर मुझे बस चल दिया था
जीत या हार तो लगने लगे बस अब बहाने
सेकड़ो की भीड़ में जो है मिले कदम जाने पहचाने
कृते अंकेश
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